Breathe Into The Shadows
ब्रीथ इन टू द शैडोस
इसकी कहानी दिल्ली से शुरू होती है जहा पे अविनाश नाम के डॉक्टर अपनी पत्नी आभा और बेटी शिया के साथ सुकून भरी ज़िन्दगी बिता रहे हैं पैसे की कोई कमी नहीं है इनके पास पूरा परिवार धरती में स्वर्ग के मज़े ले रहा हैं वैसे ये इंसानो का दिमाग़ पढ़के उसके अंजर पंजर सही करने में एक्सपर्ट माने जाते हैं लेकिन अक्सर इनकी मदद बड़े बड़े पुलिस केस में भी ली जाती हैं कहानी के दूसरे लीड रोल हैं पुलिस इंस्पेक्टर कबीर सावंत जो की किसी घटना की वजह से जेल में है और जल्द ही बहार निकलने वाले हैं ये एक अतरंगी टाइप के पुलिस इंस्पेक्टर हैं जिनका दिमाग किसी शातिर क्रिमिनल से भी तेज़ भागता हैं और अपने दिमाग़ के बल से बड़े बड़े क्रिमिनल को जेल में डालने में एक्सपर्ट हैं |
कहानी में ट्विस्ट आता है जब जब अचानक डॉक्टर अविनाश की बेटी शिया किडनैप हो जाती हैं और बदले में किडनैपर उनसे पैसे नहीं बल्कि कुछ लोगो को जान से मारने का कॉन्ट्रैक्ट दिया जाता हैं यानी बेटी की साँसे चलाये रखने के लिए अविनाश को कुछ लोगो की ज़िन्दगी खतम करनी होगी बस यहाँ पर कुछ अजीबोगरीब मर्डर का सिलसिला शुरू हो जाता हैं जिसको रोकने की जिम्मेदारी कबीर सावंत को सौप दी जाती हैं |
इस सीरीज में शो का हर कनेक्शन रावण के दस सरो से किया गया हैं जो ब्रीथ को इंडियन सिनेमा में यूनिक कॉन्सेप्ट के साथ प्रेसेंट करता हैं जिससे मिलता जुलता कारनामा हमने किसी भी शो या फिल्म में नहीं देखा हैं |
सबसे कमाल की बात ये है की इस कहानी में जितने भी मर्डर दिखाए गए हैं उनके पीछे क्रोध वात्स्ना डर जैसे मज़ेदार फ्लेवर का इस्तेमाल करा गया है जो की बाकी फिल्मो की तरह गुंडा गर्दी घिसे पिटे क्राइम से बिलकुल अलग कुछ नया हैं हाँ कुछ पार्ट्स है जिसमे मशहूर फिल्म शौकी याद आ सकती हैं और असुर वाले मास्क की हलकी सी झलक देखने को मिलती हैं लेकिन ब्रीथ उन सबसे इंस्पॉयर होकर एक नयी दुनिया बनाता हैं जिसमे एक पिता और बेटी के लगाव को बीच में रख के खतरनाक मेंटल डिसॉर्डर के ऊपर से पर्दा उठाया जाता हैं |
कही-कही पे शो आपको खींचा खींचा सा महसूस हो सकता हैं जहा पे कहानी रेंगती हुई धीरे धीरे मंजिल तक पहुंच जाती हैं | बात करे एक्टिंग की तो अभिषेक बच्चन कोशिश अच्छी की हैं लेकिन आर माधवन की जगह लेने में वो पूरी तरह फेल हो गए हैं उनके एक्सप्रेसशन या फिर डॉयलॉग में डाले गए इमोशन रियाल्टी के मामले में थोड़े फीके साबित हुए | अमित साद की परफॉरमेंस बहुत दमदार हैं जिसमे बिना ज्यादा डायलॉग बोले अपनी आँखों से ही आपके दिल को चुरा लेते हैं | बात करू नित्या मेनन की तो अभिषेक के साथ इनकी केमिस्ट्री कुछ खाश फिट नहीं बैठी हैं तो इस सीरीज में इनका कैरेक्टर कुछ पीछे छूट गया हैं लेकिन इस बार सीरीज में चार चाँद लगाने का काम किया हैं इसमें कास्ट किये गए सपोर्टिंग एक्टर ने जिसमे सबसे आगे है श्रुति बपना जिनसे नज़र हटाना नामुमकिन हैं इन्होने अकेले अपने दम पे हर उस सीन को डोमिनोट किया हैं जिसमे उनका मुक़ाबला सीधे सीधे लीड रोल से हुआ हैं |
सब मिलाके बोले तो ब्रीथ एक नयी अलग और नयी रंगीन कहानी हैं |