वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, कैलीफोर्निया
Updated Tue, 06 Oct 2020 08:05 AM IST
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इस शोध में शामिल प्रोफेसर मोनिका गांधी ने कहा कि सतह के जरिए कोरोना वायरस के फैलने का मुद्दा असल में खत्म हो चुका है। मोनिका गांधी ने बताया कि सतह पर मौजूद कोरोना वायरस इतना प्रभावशाली नहीं होता है कि किसी को अपनी चपेट में लेकर उसे बीमार कर दे।
इस शोध के जरिए यह बताया गया है कि कोरोना को फैलने से रोकने के लिए हाथ धोना और चेहरे को छूना ही काफी नहीं है बल्कि इससे ज्यादा असरदार कदम सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क पहनना है। मोनिका गांधी ने कहा कि ऐसे में सतह पर लगातार बैक्टीरिया रोधी स्प्रे का छिड़काव करना अनावश्यक है।
प्रोफेसर गांधी ने कहा कि कोरोना वायरस सतह से नहीं फैलता है, महामारी की शुरुआत में संक्रामक पदार्थों को लेकर लोगों में कई तरह का डर था। उन्होंने कहा कि अब हम जानते हैं कि कोरोना वायरस के फैलने का मुख्य कारण आंखों को छूना और सतह पर वायरस का होना नहीं है।
उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस तब फैलता है जब हम किसी कोरोना संक्रमित मरीज के पास बैठे हों और उसकी नाक बह रही हो या उसे उल्टी आ रही हो। इसके अलावा प्रतिष्ठिट साइंस पत्रिका लांसेट की रिपोर्ट में कहा गया है कि कोरोना वायरस अगर सतह से फैलता है उसके बहुत कम खतरा रहता है।