वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, वाशिंगटन
Updated Fri, 25 Sep 2020 08:21 AM IST
डोनाल्ड ट्रंप (फाइल फोटो)
– फोटो : PTI
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ट्रंप का यह बयान ऐसे समय पर आया है जब एक दिन पहले भारत और चीन के सैन्य कमांडरों ने लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर महीनों से जारी गतिरोध को खत्म करने के लिए बातचीत की है। दोनों देश हिमालय में विवादित सीमा पर अधिक सैनिकों को न भेजे जाने पर सहमत हो गए हैं। इसी बीच द वॉल स्ट्रीट जर्नल ने बताया कि सीमा संघर्ष भारत को एक असममित (असिमेट्रिक) प्रतिक्रिया के लिए प्रेरित कर रहा है।
अखबार ने कहा, ‘भारत नए जहाजों के निर्माण के दौरान अमेरिका और उसके सहयोगियों के साथ संयुक्त नौसैनिक युद्धाभ्यास तेज कर रहा है। साथ ही तटीय निगरानी चौकियों का एक नेटवर्क स्थापित कर रहा है जो नई दिल्ली को हिंद महासागर के समुद्री यातायात पर नजर रखने की इजाजत देगा।’
ग्रांड तमाशा पॉडकास्ट में भारत और दक्षिण एशिया पर अमेरिकी विशेषज्ञ एशले टेलिस ने कहा कि ट्रंप प्रशासन ने इस संकट में भारत का बहुत पारदर्शी तौर पर समर्थन किया है। यह निश्चित रूप से चीन का व्यापक पैमाने पर सामना करने के अवसरों से प्रेरित है। उन्होंने कहा कि चीनी आक्रमण इतना जबरदस्त रहा कि संयुक्त राज्य अमेरिका स्टैंडबाय पर नहीं खड़ा नहीं हो सका और न ही वो तो इसे अनदेखा कर सकता है।
टेलिस ने कहा, ‘चीन ने सैन्य कार्रवाई की ओर तेजी से कदम बढ़ाए जिसके परिणामस्वरूप जानमाल का नुकसान हुआ है। मुझे लगता है कि उसने खुद को संयुक्त राज्य के विपरीत दिशा में खड़ा कर दिया है। इसके अलावा चीन के साथ ट्रंप प्रशासन की अपनी द्विपक्षीय समस्याएं हैं जिसकी वजह से उसके पास भारत का समर्थन करने की बजाय कोई और विकल्प नहीं है।’