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सार
- सेबी का निर्देश, ग्राहक द्वारा निवेश की गई कुल संपत्ति पर लगेगा शुल्क
- 30 सितंबर से प्रभावी हो जाएंगे सेबी के नए नियम
विस्तार
बाजार नियामक सेबी ने ग्राहकों के हित में निवेश सलाहकारों के लिए शुल्क, योग्यता और आवंटन सहित कई मुद्दों पर गाइडलाइन जारी की है। इसके तहत निवेश सलाहकार निवेशकों से प्रबंधन की जा रही संपत्ति का अधिकतम 2.5 फीसदी शुल्क ले सकेंगे। सेबी के नए निर्देश 30 सितंबर, 2020 से प्रभावी हो जाएंगे।
भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने गाइडलाइन मेें कहा है कि सलाहकार अपने ग्राहक से दो तरीकों से शुल्क ले सकेंगे। प्रबंधन के अधीन संपत्ति (एयूए) के मामले में सभी सेवाओं पर प्रति ग्राहक सालाना अधिकतम 2.5 फीसदी और फिक्स्ड शुल्क मामलों में सालाना प्रति ग्राहक 1.25 लाख रुपये से ज्यादा वसूली नहीं की जा सकेगी। सलाहकार किसी एक तरीके से ही शुल्क ले सकेंगे और 12 महीने पूरे होने के बाद ही शुल्क लेने के तरीके में बदलाव किया जा सकेगा। ग्राहक की सहमति पर निवेश सलाहकार अग्रिम शुल्क का भुगतान भी करा सकते हैं।
निवेशकों पर ये नियम भी लागू होंगे
-150 से ज्यादा ग्राहक होने के बाद ही व्यक्तिगत निवेशक, गैर व्यक्तिगत निवेशक के रूप में पंजीकरण के लिए आवेदन कर सकेंगे।
-हितों के टकराव से बचने के लिए समूह, परिवार या सलाहकार सेवाओं में से कोई एक ही ग्राहक को सलाह दे सकेंगे।
-वितरक और सलाहकार की भूमिका एक ही व्यक्ति या समूह नहीं निभा सकेंगे।
-सभी व्यक्तिगत सलाहकारों को अपने ग्राहकों के साथ 1 अप्रैल, 2021 तक अनुबंध पूरा करना होगा, जिसकी रिपोर्ट 30 जून, 2021 तक देनी पड़ेगी।
-50 साल से ज्यादा व्यक्तिगत निवेश सलाहकारों को योग्यता और अनुभव प्रमाण देने की जरूरत नहीं होगी।
-बाकी सलाहकारों के पास परास्नातक डिग्री के साथ वित्तीय उत्पादों, प्रतिभूतियों या पोर्टफोलियो प्रबंधन का पांच साल का अनुभव होना जरूरी है।
-इनके साथ काम करने वाले कर्मचारी के पास भी परास्नातक डिग्री और दो साल का अनुभव होना चाहिए।