न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Updated Thu, 15 Oct 2020 07:24 PM IST
विदेश मंत्री एस जयशंकर
– फोटो : एएनआई (फाइल)
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उन्होंने कहा कि वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के साथ एक सैन्य टुकड़ी का निर्माण हुआ है और कई मायनों में इसकी कोई पूर्वता नहीं है। बता दें कि भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख में पिछले पांच महीने से ज्यादा समय से सैन्य गतिरोध चल रहा है, जिसे हल करने के लिए दोनों पक्षों में वार्ताओं के दौर जारी हैं।
सीमा पर वर्तमान स्थिति के बारे में पूछे जाने पर विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा, ‘दोनों पक्षों में वार्ताएं हो रही हैं, ‘जो चल रहा है वह हमारे और चीन के बीच गोपनीय जैसा है। मैं इस पर पहले से कोई निर्णय नहीं लेना चाहता हूं। मेरे काम करने का पहला नियम यह है कि जो अभी चल रहा है, उस बारे में पहले कुछ भी नहीं कहें।’
वहीं, वास्तविक नियंत्रण रेखा पर वर्तमान गतिविधियों के साथ तिब्बत में स्थिति के बारे में सवाल पूछने पर विदेश मंत्री ने कहा, मैं नहीं समझता कि हमें ऐसे मुद्दों पर जाना चाहिए जो साफ तौर पर कहें तो लद्दाख में चल रही वर्तमान स्थिति से कोई वास्ता नहीं रखते हैं।
उन्होंने कहा, भारत और चीन के संबंधों में 1993 से सीमा पर शांति बनाए रखने के लिए हुए समझौतों के बाद सुधार हुआ है। पिछले 30 वर्षों से, हमने सीमा पर शांति आधारित संबंध बनाए हैं। अगर शांति सुनिश्चित नहीं होती है और समझौतों का सम्मान नहीं किया जाता है तो ये व्यवधान का प्राथमिक कारण होगा।