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दिल्ली सरकार ने गुरुवार से क्रमिक प्रतिक्रिया कार्य योजना (जीआरएपी) अधिसूचित की है। जीआरएपी के तहत पर्यावरण प्रदूषण (निवारण एवं नियंत्रण) प्राधिकरण (ईपीसीए) वायु प्रदूषण रोधी कड़े उपाय लागू करता है जिसमें दिल्ली और इसके आसपास के शहरों में बिजली के जेनरेटर के इस्तेमाल को भी प्रतिबंधित किया जाता है।
ईपीसीए के अध्यक्ष भूरेलाल ने कहा कि राज्य सरकारों ने हमसे कहा है कि वे प्रतिदिन 23.5 घंटे बिजली की आपूर्ति करते हैं। अगर बिजली कटती है तो उनसे सवाल पूछिए। हमने उनकी रिपोर्ट देखी है। आवश्यक सेवाओं को छोड़कर किसी के लिए भी छूट नहीं है।
दिल्ली-एनसीआर में बैक-अप के लिए जेनसेट पर निर्भर करने वाली सैकड़ों आवासीय सोसायटी इस निर्णय से प्रभावित होंगी। ऐसी सोसायटी भी हैं जो पूरी तरह जेनसेट पर निर्भर हैं क्योंकि वहां अब भी बिजली का कनेक्शन नहीं है।
ईपीसीए की सदस्य और सेंटर फॉर साइंस एंड इन्वायरमेंट की महानिदेशक सुनीता नारायण ने कहा कि ईपीसीए केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की अनुशंसाओं का पालन कर रहा है। उन्होंने कहा कि कोई छूट नहीं है। सीपीसीबी अनुशंसा करता है।
दिल्ली की आम आदमी पार्टी की सरकार ने अगले आदेश तक डीजल जेनसेट के इस्तेमाल पर बुधवार को पाबंदी लगा दी ताकि खराब हो रही वायु गुणवता को नियंत्रित किया जा सके। आपातकालीन सेवाओं के लिए जेनसेट के इस्तेमाल पर पाबंदी नहीं है।