न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Updated Fri, 25 Sep 2020 05:15 AM IST
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हालांकि संवाद जारी रखने के लिए जल्द ही सैन्य कमांडर स्तर की एक और दौर की वार्ता के अलावा सीमा मामलों पर परामर्श और समन्वय के लिए कार्य तंत्र (डब्ल्यूएमसीसी) की बैठक शीघ्र ही होगी।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने सैन्य कमांडर स्तर की छठे दौर की वार्ता की जानकारी देते हुए कहा, इस विवाद में पहली बार संयुक्त बयान जारी हुआ है। दोनों पक्ष तनाव घटाने, एलएसी से सेना हटाने और एलएसी पर नए सिरे से सेना को मोर्चे पर तैनात न करने पर सहमत हुए हैं।
इससे पहले रक्षा मंत्रियों और विदेश मंत्रियों की बैठक में भी विवाद खत्म करने के लिए बातचीत जारी रखने पर सहमति बनी थी। इस क्रम में जल्द ही वरिष्ठ कमांडर स्तर की एक और दौर की बातचीत के अलावा डब्ल्यूएमसीसी की बैठक जल्द होगी। विवाद के बीच दोनों देशों के बीच शीर्ष स्तर पर कूटनीतिक पहल हुई थी।
इस दौरान दोनों देशों के रक्षा मंत्रियों, विदेश मंत्रियों और विशेष प्रतिनिधियों के बीच भी बातचीत हुई थी। अब भारत ने कोई कदम उठाने से पहले कूटनीतिक बातचीत के साथ कमांडर स्तर की बातचीत के नतीजे का इंतजार करने की रणनीति बनाई है।
यथास्थिति बहाली पर भारत दे रहा है जोर
भारत लगातार एलएसी पर यथास्थिति बहाल करने पर जोर दे रहा है। सभी तरह की बातचीत में भारत ने वार्ता को किसी निष्कर्ष पर पहुंचाने से पहले चीन के समक्ष यही शर्त रखी है। फिलहाल पूर्वी लद्दाख से जुड़ी कई अहम चोटियों पर अपनी स्थिति मजबूत करने के बाद भारत की रणनीति चीन के भावी रुख को भांपने की है।
दरअसल चीन अब तक सभी स्तरों पर हुई बातचीत में एलएसी पर यथास्थिति बहाल करने और अपनी सेना को पीछे हटाने पर सहमत तो हुआ है, मगर उसने जमीनी स्तर पर इन सहमतियों का पालन नहीं किया है।